बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन: एक युग का अंत

 

Manoj Kumar Die


बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन: एक युग का अंत


मुंबई, 3 अप्रैल 2025: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्माता मनोज कुमार का आज सुबह निधन हो गया। वे 87 साल के थे। मनोज कुमार ने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर ने पूरे फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों को सदमे में डाल दिया है। मनोज कुमार को उनके देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए जाना जाता था, जिसके कारण उन्हें "भारत कुमार" के नाम से भी पुकारा जाता था। उनके निधन के साथ ही भारतीय सिनेमा के एक सुनहरे युग का अंत हो गया।


लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन


मनोज कुमार पिछले कुछ समय से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने बताया कि उनके पिता को कई सालों से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं। आज सुबह करीब 3:30 बजे उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। कुणाल ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत दुखद दिन है। मेरे पिता ने बहुत हिम्मत के साथ हर मुश्किल का सामना किया। भगवान की कृपा से वे शांति से इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनका अंतिम संस्कार कल यानी 4 अप्रैल को होगा।" अस्पताल के सीईओ और कार्यकारी निदेशक डॉ. संतोष शेट्टी ने भी पुष्टि की कि मनोज कुमार की मृत्यु उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण हुई।


देशभक्ति का पर्याय थे मनोज कुमार


मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को अब्बोटाबाद (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। मनोज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1957 में फिल्म "फैशन" से की थी। लेकिन उन्हें असली पहचान 1960 और 1970 के दशक में मिली, जब उन्होंने देशभक्ति से भरी फिल्में बनाईं। उनकी फिल्में जैसे "शहीद", "उपकार", "पुरब और पश्चिम", "रोटी कपड़ा और मकान" और "क्रांति" ने उन्हें दर्शकों के दिलों में खास जगह दी। इन फिल्मों में उन्होंने न सिर्फ अभिनय किया, बल्कि कई फिल्मों का निर्देशन और लेखन भी किया। उनकी फिल्मों में देश के प्रति प्यार और सामाजिक संदेश साफ झलकते थे।


"भारत कुमार" की उपाधि


मनोज कुमार को "भारत कुमार" का नाम उनकी फिल्म "उपकार" के बाद मिला। इस फिल्म में उन्होंने देशभक्ति की भावना को इतने शानदार तरीके से पेश किया कि लोग उन्हें इस नाम से बुलाने लगे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि यह उपाधि उनके लिए सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी भी थी। उन्होंने कहा था, "जब आपको भारत कुमार कहते हैं, तो आपको अपने किरदार और फिल्मों में वही आदर्श दिखाना पड़ता है। मैंने इसके बाद कभी हल्के-फुल्के सीन नहीं किए, क्योंकि मैं चाहता था कि लोग मुझे गंभीरता से लें।"


बॉलीवुड और नेताओं ने दी श्रद्धांजलि


मनोज कुमार के निधन की खबर फैलते ही बॉलीवुड और राजनीति जगत से श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुख हुआ। वे भारतीय सिनेमा के एक आइकन थे, जिनकी फिल्मों में देशभक्ति की भावना झलकती थी। उनकी फिल्में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।" अभिनेता अक्षय कुमार ने भी उन्हें याद करते हुए कहा, "मैंने उनसे सीखा कि अपने देश के लिए प्यार और गर्व से बड़ी कोई भावना नहीं है। वे हमारे उद्योग के सबसे बड़े रत्न थे।"


फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री, गीतकार मनोज मुंतशिर और अभिनेत्री खुशबਰਖ਼ੂ ਸੁੰਦर ने भी उन्हें भावुक श्रद्धांजलि दी। मनोज मुंतशिर ने लिखा, "आपकी फिल्मों से देशभक्ति का पहला पाठ पढ़ा। मेरे नायक, अलविदा।" वहीं, खुशबू सुंदर ने कहा, "उनकी फिल्में हमें हमेशा देश के प्रति गर्व महसूस कराएंगी।"


एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व


मनोज कुमार सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे। उन्होंने अपने करियर में करीब 35 फिल्मों में काम किया, जो उस समय के अन्य अभिनेताओं की तुलना में कम था। एक बार उन्होंने कहा था, "मैंने कभी लालच नहीं किया। मैं वही फिल्में करना चाहता था जो मेरे दिल को छुएं।" उनकी फिल्मों ने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि समाज को नई दिशा भी दी।


अंतिम विदाई


मनोज कुमार का अंतिम संस्कार 4 अप्रैल को मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में दोपहर 12 बजे होगा। उनके परिवार ने प्रशंसकों से शांति और प्रार्थना की अपील की है। उनके निधन से बॉलीवुड ने एक सच्चा देशभक्त और महान कलाकार खो दिया, लेकिन उनकी फिल्में और उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।


मनोज कुमार का जाना न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।